महराजगंज क्षेत्र के गद्दोपुर गांव के दुबे का पुरवा के बाशिंदे शनिवार को उस समय घबरा गए जब 108 एंबुलेंस से कोरोना संक्रमित महिला का शव लेकर पहुंचे। आरोप है कि ग्रामीणों से 1500 रुपये लेने के बाद शव को पालीथिन में लपेटकर बगीचे में छोड़कर चले गए। एसडीएम ने जेसीबी से गड्ढा खोदवाकर शव को बाग में ही दफन करा दिया।
गांव के जय नारायण पांडेय की पहली पत्नी सीता पांडेय की तबीयत खराब होने पर पिछले दिनों महराजगंज सीएचसी पर जांच हुई तो वह कोरोना संक्रमित मिलीं। डाक्टरों ने घर पर ही क्वारंटाइन करा दिया। शनिवार की सुबह अचानक हालत नाजुक होने पर 108 पर सूचना दी गई। एंबुलेंस से आए स्वास्थ्य कर्मी सीएचसी ले गए। डाक्टर ने वहां से बदलापुर रेफर कर दिया। वहां मृत घोषित कर दिए जाने पर स्वास्थ्य कर्मी एंबुलेंस से शव लेकर गांव में आए और बाग में रखकर जाने लगे। गांव में दहशत फैल गई।
ग्रामीणों ने एंबुलेंस रोक ली। ग्रामीणों का आरोप है कि 1500 रुपये लेने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने शव को पालीथिन में पैक किया। जय नारायण की दूसरी पत्नी शव के पास बैठी रही। गांव के लोग पास जाने से कतरा रहे थे। सूचना देने पर घंटों बाद एसडीएम बदलापुर कौशलेश मिश्र मौके पर आए। उन्होंने जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदवाकर शव को बाग मे्ं ही दफन करा दिया। जय नारायण पांडेय ने सीता के बच्चा न होने पर दूसरी शादी की थी। उससे बच्चे पैदा हुए। दूसरी पत्नी ने कहा कि उसके पति हार्ट के मरीज हैं, इसलिए उन्हें सीता की मौत की खबर नहीं दी गई।