होली के त्योहार का आनंद लेने के साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान करने के लिए परदेसी बाबू भी आएंगे। इसके लिए उन्हें इस बार अपनी जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी। परदेसी बाबू समेत सपरिवार का वोट लेने के लिए संभावित प्रत्याशी अभी से जुट गए हैं। इसके लिए परदेसियों को सपरिवार घर आने-जाने का खर्च देने की व्यवस्था में जुट गए हैं। इससे परदेसियों के घर में भी खुशी का माहौल है।
क्षेत्र के तमाम लोग महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, दिल्ली समेत कई प्रदेशों में रोजी-रोटी चलाने के लिए नौकरी करते हैं। हालांकि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो पूरे परिवार के साथ परदेस में रहकर काम करते हैं। होली का त्योहार आ गया है और सभी अपने घर आएंगे, लेकिन उन्हें इस बार किराया नहीं लगाना पड़ेगा। पंचायत चुनाव नजदीक होने के कारण संभावित प्रत्याशी मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए उन परदेसियों को आने-जाने का पूरा खर्च वहन करने को तैयार हैं। चुनावी आफर मिलने पर मतदान के लिए प्रत्याशियों के बुलावे पर अन्य प्रांतों में नौकरी करने वाले लोग परिवार सहित अपने घर लौटेंगे। वहीं एक तरफ लोगों को डर भी सता रहा है कि इन दिनों कई प्रांतों में कोरोना दोबारा फैलना शुरू हो गया है और परदेसी बाबू आएंगे तो कोरोना साथ न लेकर आएं, जो ङ्क्षचता और चर्चा का विषय बना हुआ है। विगत वर्ष मार्च और अप्रैल में विकास खंड कोन के अधिकांश गांव में परदेसी बाबू के चलते कोरोना का प्रकोप बढ़ गया था। सरकार यदि परदेसी बाबू पर नजर नहीं रखी तो पंचायत चुनाव का मतदान क्षेत्र की जनता के लिए अभिशाप बन जाएगी।