पूर्वोत्तर रेलवे के गाजीपुर से बलिया के रास्ते छपरा रूट पर शातिर चोरों के गिरोह ने कई टन हाइटगेज और लोहे के गार्डर काट लिए। अंडरपास और रेलवे क्रासिंग से चोरी लोहे को कबाड़ियों के माध्यम से बिकवाने वाले तस्कर को गाजीपुर आरपीएफ की टीम ने रविवार को दबोच लिया। उससे पूछताछ में मामला सामने आ गया और चालान कर उसे वाराणसी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया। बता दें कि इससे पहले इस गिरोह के चार लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, अन्य पांच की तलाश जारी है।
गाजीपुर-छपरा रेलखंड पर शातिर बदमाशों ने रेलवे को लाखों रुपये की छति पहुंचाई है। वाराणसी से बिहार के भागलपुर तक फैले इस गैंग ने कई टन लोह काटकर कबाड़ी की दुकान में बेच दिया और वहां से माल बड़ी फैक्ट्री तक पहुंच गया। 22 नवंबर की रात रेलखंड गाजीपुर सिटी-बलिया के मध्य स्थित लोहे के हाइटगेज को काटकर रेल संपत्ति चोरी की वारदात की सूचना आरपीएफ को मिली थी। आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक उदयराज, उप निरीक्षक गुलाब सरोज के साथ छापेमारी की और कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ग्रामीण से मिले वाहन नंबर के आधार पर जांच में पता चला कि माल को लोडकर गाजीपुर शहर तक लाया गया। आरपीएफ ने उसके चालक जंगीपुर थाना के कटैला निवासी चालक आसिफ अंसारी को गिरफ्तार करने के साथ ही वाहन को भी कब्जे में ले लिया।
इसके बाद रविवार को आरपीएफ ने सूचना पर मालगोदाम रोड़ पर एक युवक को रेलवे की संपत्ति की रेकी करते हुए गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि वह थाना जंगीपुर के मुहानीचक निवासी नागेंद्र सिंह पुत्र रमई सिंह यादव है और गार्डर चोर गिरोह का सदस्य है। इसके साथ ही चोरी के माल को चोरों से खरीदकर बेचने का काम भी बड़े पैमाने पर करता है। पूछताछ में नागेंद्र ने संलिप्तता समेत कई मामलों में अपनी जुबान खोल दी। रेलवे पुलिस ने उसे गिरफ्तारी के बाद संबंधित धाराओं में चालान कर दिया। आरपीएफ इंस्पेकटर उदय राज ने बताया कि पिछले महीने मे कई बार हाईटगेज या गार्डर चोरी की सूचना मिली थी लेकिन जांच में यह सामान्य ग्रामीणों का काम नहीं लगा। हमने प्रमुख स्थानों पर ग्रामीणों को जिम्मेदारी दी और हाईटगेज की रखवाली शुरू कराई। जब सूचना मिली तो गिरोह के चार सदस्यों को माल के साथ दबोच लिया गया। अब खुलासे के बाद आगे की कार्रवाई कर रही है। गिरफ्तार कर युवक को न्यायालय वाराणसी में पेश किया गया है, न्यायालय द्वारा जेल भेजने का आदेश पारित किया गया।