अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से मंगलवार को सरजू पांडेय पार्क में आयोजित किसान पंचायत के दौरान किसानों व पुलिस कर्मियों में नोकझोंक हो गई। इसके बावजूद किसानों का आंदोलन जारी रहा। इस मौके पर कृषि कानून का खुलकर विरोध कर नारे लगाए। बीच में व्यवधान उत्पन्न करने की पुलिस कार्रवाई की निदा करते हुए लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया गया। मौके पर दिन भर फोर्स डटी रही।
दोपहर में सरजू पांडेय पार्क में किसान पंचायत चल रही थी। इसी बीच पुलिस कर्मी लाउडस्पीकर छीनने लगे, लेकिन किसानों के उग्र होने के चलते वहां से हट गए। राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि 40 दिन से बेहद शांति पूर्ण ढंग से आंदोलन दिल्ली बार्डर पर चल रहा है। अब तक 60 से ज्यादा किसान जान गंवा चुके हैं। इस कानून के लागू होने से किसान का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। कहा, उनकी जमीन और कृषि बाजार के हवाले हो जाएगी।
किसान सभा के प्रदेश महामंत्री व पूर्व विधायक राजेंद्र यादव ने कहा तीनों कृषि कानूनों के लागू होने से भुखमरी, कर्ज, बेरोजगारी से 70 करोड़ किसान प्रभावित होंगे। उन्होंने कृषि कानूनों को रद करने, आंदोलनरत किसानों की मांगों को पूरा करने की मांग उठाई। ऐसा नहीं होने पर दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी गई। अध्यक्षता गुलाब सिंह व संचालन जनार्दन राम ने किया। भाकपा माले के जिला सचिव रामप्यारे राम, सीपीआई के जिला सचिव अमेरिका यादव, अमरनाथ यादव राघवेंद्र, योगेंद्र यादव, योगेंद्र भारती, राजेश वनवासी, राजदेव यादव, यादवेंद्र, नसीरुद्दीन, सुबच्चन यादव आदि थे।