बलिया जिले में कड़ाके की ठंड बरकरार है। हालांकि रविवार को शीतलहर नहीं थी लेकिन सूरज-बादल के बीच लुकाछिपी का खेल पूरे दिन चला। शाम को गलन बढ़ने के बाद अलाव से आम आदमी ने गुजारा किया। कड़ाके की ठंड में बुजुर्गों और बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। रविवार को बाजार की अधिसंख्य दुकानें बंद थीं। एकाध चाय की दुकानें खुली थीं जहां लोग चाय की चुस्कियों के सहारे ठंड को मात देने की जुगत में लगे रहे। रविवार को अधिकतम तापमान 23 व न्यूनतम तापमान 09 डिग्री सेल्सियस रहा।
लगभग 25 दिन से चल रही ठंड हवा ने जनजीवन को बेहाल कर दिया। हमेशा खरीद-बिक्री के शोर से गुलजार रहने वाला चौक बाजार रविवार की शाम सुनसान दिखा। हालांकि दोपहर में थोड़ी धूप निकलने पर सड़कों पर लोगों की आवाजाही बढ़ी लेकिन शाम पांच बजते ही लोग कम होने लगे। लोग घरों में दुबकने लगे। सुविधा संपन्न लोग रजाई, रूम हीटर और ऊनी कपड़ों के बूते ठंड से जंग कर रहे है। जनसामान्य के लिए ठंड कहर से कम नहीं है। नगरपालिका व नगर पंचायत की ओर से शहर के कुछ जगहों पर अलाव जलवाये गये हैं लेकिन कई मुहल्लों में व्यवस्था नहीं होने से आम लोगों को कड़ाके की ठंड में काफी दिक्कत हो रही है। पिछले दो-तीन दिन से कोहरा कम है। बावजूद इसके रविवार को सूरज और बादल के बीच लुकाछिपी के खेल ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।