वनांचल के शाहपुर गांव के 14 मजदूरों को तमिलनाडु के एक फैक्ट्री में चार महीने से बंधुआ मजदूर बनाने का मामला सामने आया है। मजदूरों के परिजनों ने नौगढ़ थाने में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही क्षेत्र के दो मेठ पर मजदूरों को तमिलनाडु ले जाकर फंसाने का आरोप लगाया है। पुलिस तहरीर के आधार पर कार्रवाई में जुटी है।
नौगढ़ प्रतिनिधि के अनुसार मजदूरों के परिजनों ने आरोप लगाया कि नौगढ क्षेत्र के देवरीकलां गांव निवासी मेठ (ठेकेदार) नगीना व शिवमंगल ने चार माह पूर्व चकरघट्टा क्षेत्र में शाहपुर गांव निवासी धनंजय, कमलेश, नंदू, दिनेश, सुदर्शन, विग्गन, बहादुर, संजय, राजू, रामचंद्र, दुलारे, शीतला, घूरालाल व बुद्धन को तमिलनाडु के शांति चिकन फार्म में काम दिलाने ले गए थे। बताते हैं कि उन सभी 14 मजदूरों को वहां बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है। फैक्ट्री में मजदूरों का शारीरिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है।
उन्हें न तो घर आने न ही मोबाइल फोन पर परिजनों से बातचीत करने की छूट दी जा रही है। परिजनों ने बताया कि उन्हें काम के बदले मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। जब परिवार के सदस्य मेठ को फोन कर जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं तो वह अपशब्दों का इस्तेमाल कर फोन कॉल काट देता है। इस संबंध में थानाध्यक्ष राम उजागिर ने बताया कि मजदूरों के परिजनों की तहरीर मिली है। पूरे मामले की जांच कराकर मजदूरों को मुक्त कराया जाएगा। आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।