नदेसर में रामलीला मैदान में एक साल पहले तोड़े गये अतिक्रमण का मलबा हटाने पहुंची नगर निगम की टीम को लोगों ने रोक दिया। विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। अपर नगर आयुक्त और कैंट पुलिस को सूचना दी गई। लोगों का कहना था कि एक साल पहले जिनके मकानों पर लाल निशान लगा था, उनका मकान नहीं तोड़ा गया। जबकि उनके पीछे के मकान टूट गये। सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों के मकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। अपर नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया कि अतिक्रमण की जद में आये सभी मकान टूटेंगे।
नदेसर के घौसाबाद क्षेत्र में एक साल पहले नगर निगम की ओर से चिह्नित अतिक्रमण को तोड़ा गया था। कुछ को मोहलत दी गई थी। इसके बाद मंगलवार को नगर निगम की प्रवर्तन टीम पहुंची। रामलीला मैदान में सामने के गिराये मकान का मलबा जेसीबी से हटाया जाने लगा, तभी आसपास के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पर पहुंचे अपर नगर आयुक्त को लोगों ने बताया कि नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने में भेदभाव बरता गया है। जिन मकानों पर लाल निशान लगाया गया था, उन्हें तब छोड़ दिया गया। जब तक उन मकानों को भी नहीं ढहाया जाएगा, मलबा नहीं उठने देंगे। अपर नगर आयुक्त ने अतिक्रमण किये निर्माण को देखा और आश्वासन दिया कि सभी को तोड़ा जाएगा। इसके बाद लोग शांत हुए। रामलीला मैदान से मलबा नहीं हटाया जा सका।