BHU स्थित रुइया छात्रावास के सामने हास्टल खुलवाने की मांग परते हुए सड़क जाम कर छात्र गुरुवार दोपहर धरने पर बैठ गए। छात्रों की मांग है कि लंबे समय से छात्रों को शिक्षण से वंचित रखते हुए छात्रावास से बाहर कर दिया गया है, लिहाजा उनको हास्टल में रहनें की अनुमति देने के साथ ही शिक्षण में शामिल होने का मौका दिया जाए ताकि उनके भविष्य पर किसी प्रकार का प्रभाव न पड़े।
वहीं छात्रों के धरना प्रदर्शन करने की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और उनको समझाने बुझाने का प्रयास किया। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी तबतक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। दोपहर में शुरू हास्टल खोलने को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू होने की जानकारी से शीर्ष अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। वहीं सुरक्षा कारणों से मौके पर सुरक्षा कर्मियों को भी भेजने की तैयारियां चल रही हैं।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने बैरियर लगाकर रास्ता बंद दिया। इस दौरान छात्रों ने 'वीसी का रोना है बाबू लोग कोरोना हैं, हास्टल वार्डन मुर्दाबाद, चीफ प्राक्टर हास्टल खोलो' आदि के पोस्टर लिखकर प्रदर्शन करते हुए हास्टल खोलने की मांग की। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण के खतरों के बीच सुरक्षा कारणों से हास्टल खोलने से मना कर दिया है।
लिखित आश्वासन पर अड़े
कोरोना के बाद विगत आठ माह से रुइया हास्टल बंद होने से छात्र बाहर किराए पर कमरा लेकर रह रहे हैं। वहीं कुछ छात्रों को बिरला व अन्य खुले हुए हास्टलों में शिफ्ट किया गया था। लंबा समय गुजर जाने व तमाम आश्वासनों के बावजूद जब छात्रावास नहीं खोला गया तब जाकर छात्र आज धरने पर आ बैठे हैं। मालूम हो कि रुइया में कोविड के दौरान कर्मचारी, सुरक्षाकर्मियों, डॉक्टर व सफाईकर्मियों को भी काफी समय तक बसाया गया था। इस पर छात्रों का कहना है कि क्या कोरोना का खतरा महज छात्रों को ही है। छात्रों को वापस हास्टल अलाट करने पर विश्वविद्यालय को आखिर क्या आपत्ति है। इसी बात से खफा होकर छात्र आज से रूइया चौराहा पर चक्का जाम कर धरना दे रहे हैं। छात्रों ने सीधे कुलपति से बात करके लिखित में हास्टल खोलने का आश्वासन मांगा है, जब मिलेगा तभी धरना समाप्त होगा।