धान क्रय के लिए केंद्र तो खोले जा रहे हैं, पर उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम प्रशासन नहीं कर रहा है। सैकड़ों कुंतल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। अगर ऐसे में मौसम ने जरा भी अपना रुख बदला और बारिश हो गयी, तो किसान व अनाज दोनों को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
तहसील क्षेत्र के अमौरा गांव में बाबा किनाराम जूनियर हाई स्कूल के बगल में बने धान क्रय केंद्र पर एक कांटे से तौल होने की वजह से किसानों की धान धीमी गति से खरीद की जा रही है। आसमान में बादल के छाये रहने और कोहरा व ओस पड़ने को लेकर किसान अपने धान को लेकर चिंतित रहने लगे हैं। इन धान को ढकने तक की व्यवस्था नहीं है। अभी तक किसानों का धान तौल न होने की वजह से क्रय केंद्र के पास खुले आसमानों के नीचे धान पड़ा हुआ है। जो धान तौल कऱ रखा गया है, उसका अभी तक किसानों को रसीद तक नहीं मिला पाया है। इससे किसान और भी परेशान हैं। किसानों का कहना है, जो धान तौल कर बोरे में रखा गया है, उसकी रसीद अभी तक नहीं मिल पायी है।
हम लोग करीब 27 दिनों से तौल कर रखी गई बोरी की रखवाली कर रहे हैं। क्योंकि हम लोगों से पहले ही रजिस्टर पर साइन करा लिया गया है, कि आप लोग अपने बोरे की रखवाली खुद करेंगे, नहीं तो जितना बोरा धान होगा उतना ही आप लोगों का पैसा मिलेगा। इसी के चलते हम लोग मजबूरी में अपने तौल पर रखे गए धान के बोरे की रखवाली कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर धान भींग गया, तो हम लोगों की जिम्मेदारी नहीं होगी, क्योंकि हम लोग अपना धान बेच दिये हैं, लेकिन उसकी रसीद अभी हम लोगों को नहीं मिल पायी है। इससे हम लोगों की चिंता बढ़ रही है। केंद्र प्रभारी विश्वनाथ ने बताया कि 1700 कुंतल धान की खरीद कर ली गयी है। 150 से 200 कुंतल एक कांटें पर प्रति दिन खरीद की जाती है। जो धान तौल कर रखे गए हैं उसका रसीद अभी किसानों को नहीं दिया गया है, जब यहां से धान उठकर जाने लगेगा, तब किसानों को रसीद दिया जायेगा।