माघ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन कराने की योजना बन रही है। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए इसे लागू किया जा सकता है। हालांकि ग्रामीण इलाकों से आने वाले श्रद्धालु की जानकारी कैसे इंटरनेट पर अपलोड की जाएगी, इसके लिए अभी मंथन चल रहा है। पुलिस अफसर उत्तराखंड की तरह वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए माघ मेला में विशेष सतर्कता बरती जा रही है, क्योंकि यहां पर एक साथ लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होती है। सभी लोग संगम में डुबकी लगाते हैं। इस बीच अगर कोई संक्रमित श्रद्धालु माघ मेला स्नान पर्व पर आ गया तो उसके कारण संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ जाएगा। इसको रोकने के लिए शासन स्तर पर कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे श्रद्धालुओं व कल्पवासियों को यह निर्देश दिया गया है कि प्रयागराज माघ मेला आने से पूर्व वह अपना कोविड-19 का टेस्ट कराकर रिपोर्ट के साथ आएंगे। इसके अलावा माघ मेला में भी सभी कल्पवासियों का समय-समय पर टेस्ट किया जाएगा।
दरअसल प्रयागराज माघ मेला में आने के कई रास्ते और साधन हैं। ट्रेन, बस के अलावा लोग निजी साधन से भी आते हैं। ऐसे में यह पता करना मुश्किल हो जाएगा कि कौन व्यक्ति कहां से आया है। इसलिए सभी श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन कराने की योजना है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही माघ मेला में प्रवेश की इजाजत दी जाएगी। आईजी केपी सिंह ने बताया कि एक वेबसाइट की मदद से लगभग ढाई लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन कराने की योजना है। इस संबंध में उत्तराखंड प्रशासन से बातचीत चल रही है।