गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय भूसरेड्डी का कहना है कि ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के तहत गन्ना किसानों की विपणन सम्बन्धी समस्यायों का सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा ठोस निराकरण किया जा रहा है। ऐसी व्यवस्था की गयी है कि गन्ना किसान की ओवर पर्ची बेकार न जाये तथा इसके लिए किसान को दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें और कृषक अपने समस्त गन्ने की आपूर्ति सुगमता पूर्वक कर सकें।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि यदि किसी किसान की कोई पर्ची निर्धारित समय में न तुलवाने के कारण हॉयल (ओवर डेट) हो जाती है तो उसी क्रमांक की पर्ची लगभग सात दिन बाद ई.आर.पी. के माध्यम से स्वतः रिवेलिडेट होकर पुनः किसान को प्राप्त हो जायेगी, जिस पर “H” भी अंकित होगा। यदि पुनः किसान रिवेलिडेट होकर प्राप्त हुई पर्ची पर निर्धारित अवधि तक गन्ना नहीं तुलवा पाता है तो उसी क्रमांक की पर्ची दोबारा रिवेलिडिट होकर पुनःकिसान को प्राप्त होगी, जिस पर किसान अपना गन्ना तुलवा सकता है। यदि दोबारा रिवेलिडेट पर्ची पर भी किसान अपना गन्ना नहीं तुलवा पाता है तो किसान की पर्ची निरस्त न हो, इसके लिए व्यवस्था की गयी है कि उस पर्ची को कृषक के मुख्य कैलेण्डर के अन्तिम पक्ष में 1 से 15 कॉलम तक लगाया जायेगा। इस प्रकार कृषक की हॉयल हुई पर्ची किसी भी दशा में बेकार नहीं जायेगी एवं उसे गन्ना तुलवाने के 4 अवसर प्राप्त होंगे।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि पूर्व वर्षों में किसी पर्ची के हॉयल होने पर उसे मात्र एक बार रिवेलिडेट किया जाता था परन्तु इस वर्ष कृषकों को अधिकतम सुविधा देने एवं उनकी गन्ना आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें चार मौके दिये जा रहे हैं। इससे किसानों को अपनी समस्त पर्चियों पर गन्ना आपूर्ति के भरपूर अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि गन्ना क्रय-केन्द्रों तथा चीनी मिल गेट पर गन्ना तुलवाने के लिए लाइन में लगे किसान की गन्ना पर्ची यदि मिल में खराबी या ट्रांसपोर्ट आदि की दिक्कतों के कारण हॉयल हो जाती है तो ऐसे किसानों को स्थानीय स्तर से 12 घण्टे तक अतिरिक्त समय प्रदान करते हुए तौल का अतिरिक्त अवसर प्रदान किया जायेगा।