बढ़ती ठंड को देखते हुए शासन-प्रशासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गंभीर है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मंगलवार की रात नगरीय इलाके में रैन बसेरों में रुके हुए 32 लोगों की कोविड-19 जांच एंटीजन टेस्ट किट से की गई। इस दौरान विकास भवन के पास डूडा के पुराने भवन में बनाए गए रैन बसेरे में तीन लोग मिले, उनका भी टेस्ट हुआ। हालांकि कोई पाजिटिव नहीं मिला। रैन बसेरों में रुकने वाले लोगों से नियमों का पालन कराया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सूबे के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देशित किया है कि ठंड को देखते हुए सभी अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था एवं दवाएं उपलब्ध हों। इसके साथ ही राजस्व विभाग द्वारा बनाए गए रैन बसेरों की जांच करवाने एवं उसमें ठहरे व्यक्तियों की कोविड-19 का एंटीजन टेस्ट कराए जाने का निर्देश दिया है। उनका मानना है कि रैन बसेरे में रुकने वाले अधिकतर व्यक्ति निर्धन एवं बेसहारा होते हैं, उनमें बहुत से लोग वृद्ध होते हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. केके वर्मा ने बताया कि शासन के द्वारा मिले पत्र के बाद जनपद में चलने वाले सभी रैन बसेरों का निरीक्षण कराया गया है। हालांकि मौसम ठीक होने की वजह से इन रैन बसेरों में व्यक्तियों की संख्या कम है। जनपद में बनाए गए रैन बसेरे में रुकने वाले यात्री व अन्य लोग शाम होने के उपरांत ही रुकते हैं और सुबह होते ही वापस चले जाते हैं। ऐसे में दिन के उजाले में इन रैन बसेरों में लोगों का मिलना मुश्किल है।