गंगा के कपूरा घाट से सतुआनी घाट तक बोल्डर लगाने व स्लोपिंग का कार्य शुरू हो गया है। इसके बनने से कटान होने से बचाया जा सकता है। इस कार्य के शुरू होने से तटवर्ती क्षेत्रों में खुशी है, क्योंकि कटान के चलते अब तक कईयों के आशियाने उजड़ गये हैं।
गंगा नदी में जब-जब बाढ़ आई, तब-तब सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि कटान की जद में आकर गंगा में समाहित हो गयी है। इससे सर्वाधिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है। किसानों व तटवर्ती लोगों की इस समस्या को देखते हुए शासन स्तर पर शेष उपजाऊ भूमि के कटान को रोकने के लिये शनिवार को पत्थर के बड़े-बड़े बोल्डर लगाने का कार्य शुरू करा दिया गया है। यह कार्य कपूरा घाट से सतुआनी घाट तक चल रहा है। इसके तहत स्लोपिंग का कार्य किया जा रहा है। गंगा के तटवर्ती इलाके के किसानों के चेहरों पर मुस्कान छा गयी है।
गंगा की बाढ़ से बार-बार होने वाले कटान से तटवर्ती लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। इस कार्य को करा रहे ठेकेदार भानु सिंह ने बताया कि जेई के दिशा-निर्देश पर सतुआनी घाट स्थित गंगा नदी की छोर पर अभी खुदाई का कार्य शुरू कराया गया है। उन्होंने बताया कि जहां तक बोल्डर द्वारा स्लोपिंग के कार्य को करने का आदेश मिला है, अभी वहां-वहां मजदूरों से कार्य कराया जा रहा है। आगे जैसा निर्देश मिलेगा कार्य कराया जायेगा।