पर्यटन विभाग कि ओर से 67. 89 लाख रुपये की लागत से दिलदारनगर गांव स्थित कोट पर निर्मित अल दीनदार शम्सी संग्रहालय भवन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से शो पीस बना हुआ है। दो वषरें से बनकर तैयार इस संग्रहालय को पर्यटन विभाग द्वारा हैंडओवर नहीं किए जाने से क्षेत्र के ऐतिहासिक धरोहर नष्ट हो रहे हैं।
वर्ष 2018 में पूर्व की सरकार में क्षेत्र के ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए अल दीनदार शम्सी संग्रहालय का निर्माण हुआ जो जनपद का पहला संग्रहालय बना। इसका निर्माण कार्यदायी संस्था मुख्य अभियंता (सोन) सिचाई निर्माण मंडल वाराणसी के द्वारा किया गया था। संग्रहालय के लिए दुर्लभ वस्तुओं के संग्रहकर्ता कुंवर नसीम रजा खां ने बताया कि अगर सरकार द्वारा संग्रहालय को हैंडओवर किया जाता तो संग्रहालय में दुर्लभ संग्रह को सजोंकर रखा जाता। वर्तमान समय में देखरेख के अभाव में संग्रहालय अराजक तत्वों का अड्डा बन गया है। संग्रहालय में लगे खिड़की के शीशे व रोशनदान को तोड़ दिया गया। जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन इस ओर ध्यान देते तो जनपद का एक मात्र संग्रहालय में अमूल्य देश की धरोहरों को रखकर संजोया जा सकता है।
जिले के सभी 23 अनुदानित मदरसों की भूमि के कागज का सत्यापन होगा। इसे राजस्व स्तर से किया जाएगा। इसका आदेश शासन से आ चुका है। ऐसे में इससे संबंधित लोगों में खलबली मची हुई है। सरकार द्वारा मदरसों की जांच का काम अब तेज होता जा रहा है। दो वर्ष पूर्व मदरसों के भवन के जांच का आदेश आया था। उनकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी जिला विद्यालय निरीक्षक, पिछड़ा वर्ग अधिकारी एवं अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा बनाई गई थी जिसने भवन के मानक की जांच कर रिपोर्ट दी थी। मगर उस दौरान भूमि के सत्यापन की जांच नहीं हो पाई थी। अब शासन की ओर से भूमि के सत्यापन की जांच का आदेश आया है जिसकी जांच एसडीएम स्तर से की जाएगी।