फाइलेरिया या हाथीपांव रोग से गाजीपुर को बचाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। पूर्वांचल के एक मात्र जिले गाजीपुर का चयन कर वृहद अभियान चलाया जाएगा। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 21 दिसंबर से शुरू होगा, जो पंद्रह जनवरी तक चलेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारिया शुरू कर दी गई है। कार्यक्रम संचालन के दौरान शासन की ओर से जारी की गई कोविड-19 से बचाव के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को संचालित करने के लिए वर्चुअल संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में किया गया।
शुक्रवार को अभियान के आगाज से पूर्व आयोजित कार्यशाला में निदेशक वेक्टर बोर्न डिजीजेज़, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश शासन डा. अशोक पालीवाल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला| उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वेक्टर बोर्न डिजीजेज़, जैसे फाइलेरिया, कालाजार रोग आदि के उन्मूलन के लिए अत्यंत संवेदनशील है। इसके लिए फाइलेरिया की दवाएं, साल में एक बार व लगातार तीन साल लेनी चाहिए। संयुक्त निदेशक फाइलेरिया डा. वीपी सिंह ने कहा कि फाइलेरिया से बचाव के लिए डीईसी और अल्बंडाजोल की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी। किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जायेगा|