मेंहनगर तहसील क्षेत्र के किसान अपनी उपज बेचने के लिए कड़ाके की ठंड में उपज के साथ क्रय केंद्र पर रात बिता रहे हैं। इसके बाद भी किसानों के उपज की खरीद नहीं की जा रही है। बिचौलियों को उपज बेचने के लिए किसानों को लाचार किया जा रहा है। किसानों ने एसडीएम से मिल कर गुहार लगाई है।
मेंहनगर तहसील क्षेत्र के किसान हर तरफ से मुसीबत की मार झेल रहे है। खेत से ही मुसीबत का दौर ऐसा चालू हो जाता है। वह उपज की बिक्री तक खत्म नहीं होता है। शुरुआत से ही धान खरीद मनमानी का शिकार हो गयी। जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ शासन को दिखाने के लिए निरीक्षण की औपचारिकता करते रहे। किसानों का दर्द जानने और उनकी मदद करने की मंशा उनकी नहीं रही। सोमवार को ऐसा ही देखने को मिला। मेंहनगर थाना के बासुपुर गांव निवासी लालचंद पुत्र रामनाथ के पास 1.111 हेक्टेयर गांव में ही जमीन है। पीड़ित किसान ने किसान ने धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया है। सत्यापन के बाद किसान को 31.606 कुंतल धान विक्रय के लिए सत्यापन किया गया।
किसान धान विक्रय करने के लिए साधन सहकारी समिति जयनगर पर तीन दिन से रात बिता रहा है। उसके साथ अन्य किसान भी अपनी उपज बेचन के लिए धान के साथ क्रय केन्द्र पर रात बिता रहे हैं। लालचंद ने आरोप लगाया कि क्रय केन्द्र प्रभारी 10 दिन से दौड़ा रहा था। उसके कहने के बाद धान लेकर क्रय केन्द्र आया। क्रय केन्द्र पर तीन रात गुजारने के बाद सचिव एक राइस मिल पर कम मूल्य में धान बेचने के लिए दबाव बनाने लगा। सोमवार को किसान तहसील पर पहुंच कर एसडीएम से गुहार लगाई। अन्य क्रय केन्द्र के किसान रमाशंकर सिंह, राजेश, श्यामनरायन यादव सहित अन्य की भी यही समस्या है। एसडीएम प्रियंका प्रियदर्शनी ने कहा कि किसान का शिकायती पत्र मिला है। जांच कर किसान के उपज की तौल कराई जाएगी। दोषी के विरूद्ध कार्रवाई होगी।