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पंचायत चुनाव: वोटर लिस्ट में अब भी जुड़वा सकते हैं अपना नाम, जानिए क्या है Rule

अगर आप अपने ग्राम सभा के वोटर हैं और किन्हीं कारणों से आपका वोटर लिस्ट में अभी तक नाम नहीं है तो आप इस तरह आसानी नाम दर्ज करा सकते हैं। इसके आपको को राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी वेबसाइट पर 'वोटर सर्विसेज' के नाम से एक नया पेज जोड़ा है। इसमें 'वोटर सर्च' में जाने पर मांगी गई सूचना जिला, विकास खण्ड, ग्राम पंचायत, नाम, पिता का नाम आदि भरने पर आपका सारा ब्योरा सामने आ जाएगा। इसी 'वोटर सर्विसेज' के पेज पर भी वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, संशोधित करने, काटने के प्रपत्र भी उपलब्ध करवाए गए हैं। वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए प्रपत्र संख्या 2, संशोधन के लिए प्रपत्र संख्या 3 और नाम हटाने के लिए प्रपत्र संख्या 4 भरने होंगे। 

 वोटर लिस्ट के इस ड्राफ्ट में अगर आपके नाम, पते, लिंग, आयु में कोई त्रुटि नजर आती है या वोटर लिस्ट में नाम नहीं है तो आप सम्बंधित सहायक जिला निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी या बूथ लेबल आफिसर से सम्पर्क करें। यह दोनों अधिकारी आपको एक दावा फार्म देंगे जिसे भरकर आपको वापस इन्हीं अधिकारी को देना होगा। यह फार्म राज्य निर्वाचन आयोग की वेबवसाइट पर भी उपलब्ध रहेंगे।  राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 जनवरी से 11 जनवरी तक ऐसे दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। फिर 22 जनवरी को फाइनल वोटर लिस्ट का प्रकाशन कर दिया जाएगा।

दरअसल, अगले साल होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पंचायतों की शुरुआती वोटर लिस्ट तैयार कर ली गई है। अब सोमवार 28 दिसम्बर से यह वोटर लिस्ट ग्रामीणों के लिए उपलब्ध रहेगी। यह ड्राफ्ट मतदाता सूची 28 दिसम्बर से 3 जनवरी के बीच सहायक जिला निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, बूथ लेबल आफिसर के पास रहेगी। इसके अलावा यह वोटर लिस्ट  राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट http//sec.up.nic.in पर भी देखी जा सकती है। वेबसाइट पर जिला, विकास खण्ड, ग्राम पंचायत का नाम डालने पर आपके सामने आपकी वोटर लिस्ट उपलब्ध हो जाएगी।  

असल में 13 नवम्बर से पहले बूथ लेबल आफिसर ग्रामीण इलाकों में घर-घर गये थे और मतदाताओं का ब्यौरा एकत्रित किया था। इस अभियान में वह नये वोटर भी शामिल किए गए जो आगामी पहली जनवरी को 18 वर्ष की उम्र पूरी कर रहे हैं। इनके अलावा जिनके नाम छूट गए थे उन्हें भी वोटर लिस्ट में शामिल किया गया। मृत व अन्यत्र स्थानांतरित हो गए या डुप्लीकेट वोटरों को वोटर लिस्ट से हटाया भी गया। इसके बाद 13 नवम्बर से 26 दिसम्बर के बीच इस पूरे ब्यौरे की कम्प्यूटरीकृत पाण्डुलिपि तैयार की गई। 

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