छह साल पहले तीन जजों की बर्खास्तगी के आदेश को बरकरार रखा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। फरवरी 2014 में तत्कालीन परिवार न्यायालय, समस्तीपुर के प्रधान न्यायाधीश हरि निवास गुप्ता, तत्कालीन तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अररिया जितेन्द्र नाथ सिंह ंव तत्कालीन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अररिया कोलम राम को बर्खास्त किया गया था।
जजों द्वारा बर्खास्तगी के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने 2015 में बर्खास्तगी आदेश को रद्द करने के साथ उच्च न्यायालय को कुछ निर्देश दिए थे। न्यायादेश पर विचार के लिए मुख्य न्यायाधीश ने पांच न्यायाधीशों की एक समिति गठित की थी। समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आलोक में फुल कोर्ट की बैठक में लिए गए निर्णय को महानिबंधक द्वारा सूचित किया गया। फुल कोर्ट के विस्तृत निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में सिविल अपील दायर की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पिछले वर्ष पारित आदेश एवं पटना उच्च न्यायालय के महानिबंधक द्वारा 3 सितम्बर 2020 को की गई अनुशंसा के आलोक में जजों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह बर्खास्तगी फरवरी 2014 से ही प्रभावी होगी।