डाफी टोलप्लाजा पर आधुनिक सिस्टम और सर्वर बिल्कुल ध्वस्त हो चुका है। ऐसे में फास्टैग सिस्टम यहां कैसे सफल हो सकता है। कर्मचारियों में भी इस बात का भय बना है कि अनिवार्य होने बाद गाड़ियों का दबाव बढ़ जाएगा क्योंकि अभी तो सिर्फ 50 प्रतिशत गाड़ियों पर फास्टैग लग पाया है। अगर सिस्टम सही नहीं हुआ और ऑपरेटर को मैनुअल स्कैन करना होगा तो काफी समय लगेगा। रामनगर की तरह जाने वाला पहले बूथ पर बूम ही नहीं है यहां सड़क के बीच मे संकेतक को बार बार हटाना और रखना पड़ रहा है और अंतिम बूथ पर बूम फंस जा रहा था जिसे ऑपरेशन उठकर बूम उठाता था तब गाड़ियां निकल रही थी।
चौथे दिन भी डाफी टोलप्लाजा पर रहा जाम
एक जनवरी से सभी गाड़ियों में फास्टैग अनिवार्य करने को लेकर सरकार की तरफ से जारी गाइड लाइन के बाद एनएचआइ द्वारा दिये गए निर्देश पर डाफी टोलप्लाजा पर ट्रायल किया जा रहा है जिसमे लगातार चौथे दिन भी जाम लग रहा।इस बीच लगातार कई वाहन चालकों से जमकर विवाद भी हुआ।फास्टैग लगाने के बाद भी नगद पैसे की मांग को लेकर विवाद बना है। अगर टोलप्लाजा पर समस्या दूर नही हुई तो 1 जनवरी से अनिवार्य होने के बाद यहां भीषण जाम और विवाद होने की संभावना रहेगी।
जब लगा रहेगा जाम तो फास्टैग कैसे करेगा काम
टोलप्लाजा पर जाम में फंसे कार चालक अल्तमस निवासी इलाहाबाद ने कहा कि फास्टैग लगाया हूं उसके बाद भी आना तो जाम से ही है। अगर जाम में फंसे हैं तो पेट्रोल और समय तो बर्बाद हो ही रहा है।ऐसे सिस्टम से क्या फायदा।वहीँ ट्रक चालक संतोष कोडरमा झारखंड ने बताया कि हम तो पहले से ही फास्टैग लगाए हैं लेकिन उसी जाम में फंसते हैं जहां कैश वाले जा रहे हैं।फास्टैग के लिए अलग लेन और जाम नहीं रहेगा तब तो इसका फायदा है। ज्यादातर चालकों के साथ ऐसी ही समस्या है कि जब जाम से जूझना है तो फिर कैसे ईंधन और समय बचेगा।
4 दिन में 4 प्रतिशत बढ़ी फास्टैग की गाड़ियां
प्रोजेक्ट मैनेजर नागेश सिंह ने बताया 4 दिन में 4 प्रतिशत फास्टैग गाड़ियों की संख्या बढ़ी है जो 51 प्रतिशत तक पहुंची है। फास्टैग और सर्वर सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है।सबसे पहले रामनगर से मोहनसराय की तरफ जाने वाली लेन पर काम चल रहा है क्योंकि इसपर ज्यादा लोड रहता है।इसके बाद दूसरी साइड को ठीक किया जाएगा। सबसे बड़ी समस्या सासाराम और वाराणसी रहनेवाले लोगों से है जो दोनों जगह लोकल का लाभ ले रहे थे। लॉ एंड ऑर्डर के लिए निजी सुरक्षाकर्मियों को बढ़ाया जा रहा है और प्रशासन से भी सुरक्षा के लिए पत्र लिखा गया है।