रबी की प्रमुख फसल गेहूं सहित दलहनी व तिलहनी फसलों पर वन्यजीवों का हमला जारी है। किसानों के रात्रि जागरण के बावजूद वन्य जीव फसल को चट कर जा रहे हैं। इतना ही नहीं वन्य जीवों के हिसात्मक होने के कारण किसान खेतों की रखवाली करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
चंद्रप्रभा वन्यजीव सेंचुरी एरिया लगभग 76 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है। यहां हिरण, खरगोश, सूकर, लकड़बग्घा,नीलगाय,सियार सहित तमाम शाकाहारी, मांसाहारी वन्यजीव पलबढ रहे हैं। लेकिन वनों के निरंतर कटान के चलते वन्यजीव शाम होते ही झुंड में निकलकर बस्ती की ओर कूच कर जा रहे हैं। सारी रात फसलों को चट करने में लग जा रहे हैं। मुबारकपुर, गरला, नई बस्ती, रघुनाथपुर, डोडापुर, दुबेपुर, भभौरा रामपुर, मुजफ्फरपुर, कुंडा हैमैया, नेवाजगंज, हेतिमपुर समेत दर्जनों गांव के सिवान में बोई गई गेहूं की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान कर रहे हैं। वन्य जीवों के कारण किसानों की नींद हराम हो गई है। इससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। टीना पीटने, खेत में प्रतीकात्मक पुतला लगाने के बावजूद फसल नहीं बच पा रही है। किसान कई बार संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत कर चुके हैं लेकिन समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
वन्यजीव सेंचुरी एरिया को सुरक्षित करने के लिए जंगलों के किनारे पत्थरों व कटीले तारों से घेराबंदी कराई गई है जरूरत है समूचे सेंचुरी एरिया के किनारे घेराबंदी कराने की इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।