Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

टैगोर जलयान 25 टन यूरिया लेकर वाराणसी से कोलकाता रवाना, Patna में भी अपलोड होगा सामान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वर्णिम परियोजना में शामिल राल्हूपुर स्थित बंदरगाह से एक बार फिर इफ्को की लगभग 25 टन यूरिया खाद कोलकाता भेजी गयी। रवींद्र नाथ टैगोर जलयान से इफ्को की यह दूसरी खेप है। इसके अलावा कुछ माल पटना से भी लोड किया जायेगा। बताते चलें कि रवींद्र नाथ टैगोर से ही पिछले साल पेप्सिको व डाबर का भी माल कोलकाता से यहां मंगाया गया था।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी रुची दिखाएं तो इस बंदरगाह से कार्गो लाने ले जाने में और तेजी आये। बड़े व्यापारी भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करते। जिससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा।अधिकारियों की उदासीनता की देन है कि इतनी बड़ी परियोजना के लोकार्पण के लगभग दो वर्ष बाद भी व्यापारी नहीं जुड़ सके हैं।मालूम हो कि रविंद्र नाथ टैगोर अगस्त माह में ही कोलकाता से यहां खाली आया था। पांच माह के इंतजार के बाद यूरिया की खेप प्रयागराज के फूलपुर से यहां आया। तत्पश्चात क्रेन के माध्यम से कंटेनर को जहाज पर लोड किया गया।

अधिकारियों की मानें तो जहाज की लोकेशन के लिए यहां रिवर इनफार्मेशन सिस्टम भी इंस्टॉल किया गया है।इसके बाद यह पहली जहाज है जो कार्गो लेकर रवाना हुआ है।हालांकि पिछले लगभग एक साल से किसी भी तरह का कार्गो यहां नहीं आया था। बंदरगाह चालू होने के बाद हजारों लोगों को जहां प्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलने की संभावना है वहीं हजारों लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार से जुडेंगे। सड़कों पर बढ़ रही दुर्घटना व दबाव को कम करने के उद्देश्य से सरकार जलमार्ग  से व्यापार को बढ़ाने को लेकर काफी प्रयासरत हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वर्णिम परियोजनाओं में शामिल बंदरगाह का नवंबर 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी ने ही लोकार्पण किया गया था। उसके बाद कई बार जहाज कार्गो लेकर यहां आ चुका है। हालांकि पिछले लगभग एक साल से किसी भी तरह का कार्गो यहां नहीं आया था। बंदरगाह चालू होने के बाद हजारों लोगों को जहां प्रत्यक्ष तौर से रोजगार मिलने की संभावना है वहीं हजारों लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार से जुडेंगे। सड़कों पर बढ़ रही दुर्घटना व दबाव को कम करने के उद्देश्य से सरकार जलमार्ग  से व्यापार को बढ़ाने को लेकर काफी प्रयासरत हैं।

अंतर्देशीय जलमार्ग से जुड़ जाने से आंतरिक इलाकों से सीधे बांग्‍लादेश तक और बांग्‍लादेश से आंतरिक इलाकों तक तथा बंगाल की खाड़ी से होते हुए शेष विश्‍व तक कार्गो आवाजाही की जाएगी। 12 नवंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में गंगा नदी (राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1) पर भारत का पहला नदी तट मल्‍टीमॉडल टर्मिनल राष्‍ट्र को समर्पित किया था। उन्‍होंने उसी दिन गंगा नदी (राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1) पर कोलकाता से वाराणसी जाने वाले देश के पहले कंटेनर कार्गो को भी रिसीव किया। भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन (अजप) के विकास में न केवल ऐतिहासिक साबित हुई बल्कि ये राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1 पर व्‍यापारिक गतिविधियों में भी तेजी से उछाल का कारण बनी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ad Space

uiuxdeveloepr