अब धीरे-धीरे पूर्वांचल में नदियों और बांधों का रुख घटाव की ओर है तो वहीं दूसरी ओर ठहरे पानी से स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ने लगीं हैं। जबकि सरयू नदी का घटता जलस्तर कई जगहों पर कटान कर रहा है। मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिले में सरयू की घटते जलस्तर की लहरें कई जगहों पर व्यापक स्तर पर कटाव कर रही हैं जिससे किसानों में चिंता का माहौल बना हुआ है।
नदियों का जलस्तर कम होने के बाद अब सभी नदियां चेतावनी बिंदु से नीचे पहुंच चुकी हैं तो दूसरी ओर निचले इलाकों में फंसा बाढ़ का पानी ठहरने और सड़ने के साथ ही मच्छरों के पनपने के लिए बेहतर स्थितियां दे रहा है। जबकि कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्र इन दिनों मलेरिया और डायरिया के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। जबकि कई निचले इलाकों में फंसा पानी न निकलने की वजह से खेती किसानी भी प्रभावित हो रही है। हालांकि जिन इलाकों में पानी निकल गया वहां खरीफ की फसल चौपट होने के बाद किसान रबी से पहले सब्जियों की खेती कर नुकसान की भरपायी में जुटे हुए हैं।