निजीकरण के विरोध में विद्युतकर्मियों का कार्य बहिष्कार सोमवार की सुबह जैसे ही शुरू हुआ वैसे ही ओबरा और अनपरा की कुल छह इकाइयों से विद्युत उत्पादन बंद हो गया। कर्मियों के कार्य बहिष्कार की वजह से इन्हें चालू करने में दिक्कत हो रही है। अगर यही स्थिति रही तो प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है। सोनभद्र को ऊर्जांचल भी कहा जाता है, यहां पर बिजली की कई इकाइयां स्थापित है। निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार के दौरान अनपरा परियोजना गेट के समक्ष जुटी आंदोलनरत कर्मियों की भीड़ में करीब 1800 कर्मी बहिष्कार पर हैं।
सुबह नौ से शाम पांच बजे तक सामान्य ड्यूटी वाले विद्युत कर्मी कार्य बहिष्कार कर जैसै ही नारेबाजी करना शुरू किया तो पता चला कि उधर इकाइयों में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे उत्पादन बंद हो गया। अनपरा तापीय परियोजना की कुल पांच इकाई से उत्पादन बंद हुआ है। अनपरा की 132 केवी लाइन से आठ बजकर 51 मिनट पर उत्पादन बंद हो गया। जिसके कारण ग्राम बांसी स्थित सब स्टेशन से भी विद्युत सेवा बंद हो गई। इससे अनपरा-शक्तिनगर क्षेत्र के दर्जनों ग्राम सभा एवं उत्तर प्रदेश स्थित कोल परियोजना व एमजीआर से जुडी सभी कार्य बंद हो गए। हालांकि इसे करीब 11 बजे शिफ्ट ड्यूटी वालों से ठीक करा लिया गया।