मेडिकल कालेज में कोरोना मरीजों के लिए जल्द ही प्लाज्मा थेरेपी उपलब्ध होगी। प्रदेश सरकार ने प्लाज्मा एप्फ्रेसिस उपकरण खरीदने के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन को 32 लाख रुपये का बजट दिया है। टेंडर कर जल्द ही उपकरण खरीदा जाएगा। इसी के साथ, मेडिकल कालेज में मरीजों के लिए तकरीबन सभी प्रकार के इलाज उपलब्ध हो जाएंगे।
यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी
प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि एक निजी मेडिकल कालेज से प्लाज्मा लेने की बात चल रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने मेडिकल कालेज को नई मशीन देने के लिए बजट दे दिया है। इस मशीन के जरिए कोरोना से उबर चुके मरीजों का प्लाज्मा निकाला जा सकेगा। मेडिकल कालेज में ऐसे तीन सौ मरीजों की सूची बनाई गई है, जो कोरोना से ठीक होकर घर जा चुके हैं। इनके शरीर में कोरोना के प्रति एंटीबाडी बन चुकी है। सूची में सभी ब्लड ग्रुप के मरीजों को शामिल किया गया है। कोविड वार्ड प्रभारी डा. सुधीर राठी ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के लिए तीन माह से कवायद चल रही है। पहले नोएडा स्थित एक सुपरस्पेशियलिटी सेंटर से प्लाज्मा के लिए टाई अप करने की बात चली थी। इसके बाद मेरठ के निजी अस्पतालों एवं सुभारती मेडिकल कालेज से प्लाज्मा की व्यवस्था करने की योजना बनी। आखिरकार शासन ने मेडिकल कालेज को बजट भेज दिया।
क्या है प्लाज्मा थेरेपी
एफ्रेसिस में रक्त के कंपोनेंट अलग किए जाते हैं। ब्लड में प्लाज्मा अलग करने के लिए इस उपकरण का प्रयोग होगा। कोरोना से उबर चुके मरीजों के शरीर में 40 दिनों के अंदर बेहतर एंटीबाडी बन जाती है, और संक्रमित मरीजों को चढ़ाने पर उनमें प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। मुंबई और नई दिल्ली में बड़ी संख्या में मरीजों को प्लाज्मा से ठीक किया गया है।