लखनऊ में कोरोना का प्रकोप छाया हुआ है। सरकार-अफसर वायरस को लेकर हलकान हैं। उसके नियंत्रण को लेकर तमाम जतन किए जा रहे हैं। बावजूद, हर रोज मिल रहे सैकड़ों मरीज रणनीति पर पानी फेर रहे हैं। वहीं अब मरीजों की भारी तादाद के बीच नए खेल का भंडाफोड़ हुआ है। महीनों से घनचक्कर बने अफसरों को कोरोना के नकली मरीजों की खेप मिली है। ऐसे में अब सभी केस के वेरीफिकेशन के निर्देश दिए गए हैं।
राजधानी में शनिवार को कोरोना के 54 हजार 491 मरीज हो गए। वहीं, 725 मरीज बीमारी से जान भी गंवा चुके हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग-टेस्टिंग पर पूरी ताकत झोंकने पर भी अफसर वायरस पर नियंत्रण पाने में नाकाम हो रहे हैं। लिहाजा, नव नियुक्त सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने वर्तमान में सर्वाधिक केस पाए जाने वाले इलाकों को ट्रेस किया। ऐसे में शुक्रवार को अलीगंज में रिकॉर्ड तोड़ 24 घंटे में 131 केस निकले। लिहाजा, तत्काल क्षेत्र की बाल महिला चिकित्सालय (बीएमसी) पहुंचे।
ऐसे में बीएमसी द्वारा मरीजों के किए गए टेस्ट व कोविड पोर्टल पर दर्शा रहे केस को वेरीफिकेशन किया। इसमें 38 मरीजों ने मोबाइल नंबर बदलकर दोबारा निजी लैब से जांच कराया। लिहाजा, पॉजिटिव आने पर निजी लैब द्वारा कोविड पोर्टल पर उन्हीं मरीजों का दोबारा नाम दर्ज कर दिया गया। ऐसे में सीएमओ ने कोरोना के सभी मरीजों का दोबारा वेरीफिकेशन करने को कहा। साथ ही नकली मरीजों की लिस्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी, ताकि उनका नाम हटाया जा सके।