प्रखंड के एक ऐसा उपस्वास्थ्य केंद्र जो सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के सारे दावे को खोखला साबित करती है। यह उपस्वास्थ्य केंद्र जो कभी दूसरों को जीवन देता था। आज खुद गंभीर बीमारी के चपेट में आ गया है। इस अस्पताल में न तो चिकित्सक हैं और न ही भवन इस स्थिति में है, जहां मरीजों का इलाज किया जा सके। यह हाल है प्रखंड के पवनी पंचायत के पंचायत भवन में बना सरकारी उप स्वास्थ्य केंद्र का।
वर्षो पहले बेहतर सेवा के साथ यक्ष्मा रोग की जांच के लिए प्रखंड के एकलौता अस्पताल था। आज की स्थिति यह है कि यहां न कोई चिकित्सक है न कोई रोगी। बताया जाता है कि इस अस्पताल में कार्यरत एक एएनएम हैं, जो टीकाकरण के दिन आती हैं। अस्पताल के बाहर टीकाकरण कर चली जाती हैं। वर्षो पहले पवनी पंचायत के कई गांव के लोग प्राथमिक उपचार के लिए इस उपस्वास्थ्य केंद्र पर आते थे। हालांकि, उस दौरान अस्पताल में दवा भी रहती थी। जब चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना यह अस्पताल मृत हो गया। चिकित्सीय व्यवस्था के साथ अस्पताल का भवन भी इस हालात में हो गए। जिसके अंदर कोई जा नही सकता। पूरा भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है।