पूर्वांचल में नदियों का रुख घटाव की ओर होने के साथ ही इसके पीछे गड्ढों में छूटे पानी के सड़ने और जल जमाव की वजह से संक्रामक रोग भी पांव पसार रहे हैं। नदियों के छाड़न में जहां मच्छर पनप रहे हैं वहीं डायरिया और मलेरिया की वजह भी बन रहे हैं। बलिया और आजमगढ़ आदि जिले में कई इलाकों में संक्रामक बीमारियों की शिकायत मिली है। जबकि निचले इलाकाें में जहां पानी घट चुका है वहां अब किसान सब्जियों की खेती करने के लिए सक्रिय हो गए हैं, हालांकि सब्जी की अगेती खेती के लिए देर हो चुकी है।
गंगा और सरयू नदियों में घटाव का रुख होने के साथ ही तटवर्ती इलाकों में कटान का दौर भी जारी है। नदियों से हो रहे कटाव से किसानों की खेती योग्य जमीन भी नदी में विलीन हो जा रही है। बलिया के तुर्तीपार में सरयू नदी का जलस्तर हालांकि अब भी चेतावनी बिंदु के पार है। इस पूरे मानसूनी सत्र में सरयू नदी ने कई बार खतरा बिंदु पार किया है। अब अगले दो तीन दिनों में सरयू का रुख चेतावनी बिंदु से कम होने की उम्मीद है।
मंगलवार की सुबह केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पूर्वांचल के मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर में गंगा नदी का रुख घटाव की ओर तो बलिया जिले में स्थिर है। जौनपुर में गोमती नदी का रुख घटाव की ओर है तो सोनभद्र में रिहंद बांध का रुख बढ़ाव की ओर है जबकि बाण सागर बांध ओर सोन नदी का रुख घटाव की ओर है। बलिया जिले में सरयू नदी का रुख घटाव पर है, हालांकि नदी का जलस्तर अब भी चेतावनी बिंदु के ऊपर बरकरार है। इस समय सरयू नदी 63.32 मीटर पर है जबकि 24 घंटों में इसके 67.10 मीटर तक आने का पूर्वानुमान जाहिर किया गया है।