उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में कोई नया राज सामने आ सकता है। डेढ़ साल से फरार चल रहे घोटाले के तीन अभियुक्तों की गिरफ्तारी होने से इसकी उम्मीद जगी है। मामले की जांच कर रहा ईओडब्ल्यू तीनों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है।
चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इस घोटाले की आरोपी कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के मुखिया संजय भाटी समेत कई डायरेक्टर पहले से ही जेल में हैं। फरार चल रहे सचिन भाटी, पवन भाटी व करण पाल सिंह को ईओडब्ल्यू ने एसटीएफ की मदद से बुधवार को गिरफ्तार किया। सचिन भाटी मुख्य अभियुक्त संजय भाटी का ही सगा भाई है, जबकि पवन भाटी चचेरा भाई है।
करण पाल भी कंपनी में डायरेक्टर के पद पर था। मामले की जांच कर रहे ईओडब्ल्यू के मेरठ सेक्टर के प्रभारी एएसपी राम सुरेश यादव ने कहा कि तीनों की कंपनी में बेहद खास भूमिका थी। निवेशकों को झांसा देने और कोई विवाद होने पर उन्हें डराने-धमकाने में भी वे सक्रिय रहते थे। तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी, जिसमें यह पता लगाने की भी कोशिश की जाएगी कि और कौन-कौन से लोग उनके सहयोगी रहे हैं।