नगरीय क्षेत्र में बरसात के दौरान मार्ग व गलियों में लगने वाले पानी से मुक्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2012 से 15 तक स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज योजना पर यहां व्यापक काम हुए। निर्माण पर लगभग 253.73 करोड़ रुपये खर्च किए गए। कार्यदायी एजेंसी एलएंडटी ने वर्ष 2015 में कार्य पूराकर नगर निगम के हवाले कर दिया, हालांकि निगम ने कई कमियां गिनाते हुए हस्तगत नहीं किया। तभी से योजना जमीन के अंदर लगभग निष्क्रिय पड़ी हुई है। हालांकि जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि रखरखाव ठीक से न होने के कारण सिस्टम पूर्ण क्षमतानुसार काम नहीं कर रहा है।
लापरवाही को लेकर जनप्रतिनिधियों से लगायत संस्थाओं ने कई बड़ी बैठकों में आवाज भी उठाई पर समस्या जस की तस है। एक बार फिर इस मामले को सामाजिक संस्था पृथ्वी फाउंडेशन ने उठाया है। संस्था के प्रबंधक नागेश्वर मिश्र ने कमिश्नर, डीएम, कार्यदायी एजेंसी के निदेशक आदि से शिकायत की है। साथ ही यह भी कहा कि 15 दिन में मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।