कोरोनो संक्रमण की रफ्तार को थामने के लिए जांच दर बढ़ाने को शासन स्तर से लगातार लगातार हिदायतें मिलने के बाद भी स्वास्थ्य महकमा इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहा है। प्रतीक्षारत सैंपलों की संख्या लगातार आठ से नौ हजार बनी हुई हैं। ऐसे में समय पर जांच रपिोर्ट देना बड़ी चुनौती बन गया है। सर्दी-खांसी व बुखार वाले संदिग्ध मरीजों को भी रिपोर्ट के लिए पांच से सात दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। इस चक्कर में उनका ठीक से इलाज की नहीं हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ ने सैंपल देने के 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, ताकि अतिशीघ्र मरीजों की पहचान हो और तत्काल उन्हें इलाज उपलब्ध कराया जा सके। लखनऊ से पहुंची विशेषज्ञों की टीम भी इसे मृत्यु दर पर भी काबू पाने का कारगर तरीका बता रही है। इन सब के बावजूद महकमे ने आदेश-निर्देश के अवहेलना का मानो पूरा मन बना लिया है। पांडेयपुर की महिला जो पिछले कई दिनों से तेज बुखार से तड़प रही हैं, उन्होंने 22 सितंबर को ईएसआइसी अस्पताल पांडेयपुर में सैंपल दिया था, रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पाई। वहीं प्रधानमंत्री मोदी के सांसद आदर्श गांव नागेपुर निवासी नंदलाल मास्टर का भी यही हाल। सर्दी-बुखार से पीडि़त नंदलाल ने भी ईएसआइसी अस्पताल में सैंपल दिया था। उनके सैंपल का भी परिणाम अब तक नहीं आया।