सेंट्रल हिन्दू स्कूल में प्रवेश परीक्षा कराने को लेकर सोमवार को छात्रों ने धरना दिया। छात्रों का आरोप था कि अब तक कॉलेज में प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता रहा है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने इस बार ई लॉटरी के तहत कॉलेज में प्रवेश दिलाने का सिस्टम बनाया गया है जो कि गलत है। छात्रों का कहना है कि वेबसाइट और विज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि छठी और नौवीं कक्षा में ई लॉटरी के माध्यम से कॉलेज में दाखिला होगा।
ग्यारहवीं में दसवीं के मेरिट के आधार पर दाखिला होगा। छात्रों का आरोप है कि सेंट्रल हिंदू स्कूल में पढ़ने के लिए लाखों छात्र-छात्राएं आवेदन करते हैं। उनका कहना है कि इस समय जब बीएचयू की प्रवेश परीक्षाएं कराई जा रही हैं तो फिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के द्वारा सेंट्रल हिंदू स्कूल की 11वीं और नौंवी की परीक्षाएं क्यों नहीं संपादित जा सकती हैं? छात्रों ने पूछा कि आखिर किसी भी विद्यार्थी का मूल्यांकन प्रतिशत के आधार पर कैसे किया जाए। छात्रों ने कहा कि मूल्यांकन का आधार केवल प्रवेश परीक्षा ही हो न कि लॉटरी। साथ ही छात्रों ने यह भी बताया कि जब उन्होंने प्रवेश परीक्षा का फार्म भरा था उस समय विज्ञापन में ई लॉटरी की कोई चर्चा नहीं थी। अब अंतिम संय में इसे बदला जा रहा है यह कानूनी रूप से गलत है।
इस दौरान छात्रों ने न्यायालय का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अदालत ने अनेक परीक्षों को अपायोजित करवाने के लिए बार-बार आदेश दिया है। नईगाइडलाइन्स के अनुसार विद्यालयों को भी खोलने का आदेश दिया जा चुका है। छात्रों ने मांग की है कि सभी तथ्यों और परिस्थितयों को देखते हुए प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला लेने की प्रक्रिया को संपन्न कराया जाए। छात्र नेता अभिषेक सिंह ने कहा कि अगर उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह छात्रों के साथ मिलकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन के दौरान वैभव तिवारी, अनुपम शुक्ल, शुभम तिवारी, सर्वेश सिंह , बिपुल , शशांक सागर, आनंद एवं समस्त छात्र मौजूद थे।