यूपी के शहरों में निवेशकों को होटल या ग्रुप हाउसिंग की जमीन लेने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। यही नहीं स्कूल, कॉलेज, नर्सिंगहोम और अस्पताल के लिए भी जमीनें मनचाहे स्थानों पर मिल सकेंगी। यूपी में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ऐसे जमीनों को ऑनलाइन किया जाएगा। विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की इन जमीनों की जीओ टैगिंग करते हुए ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जिससे निवेशक ऑनलाइन देखकर मनचाहे स्थानों पर इन जमीनों को ले सके।
जमीनों को लेकर होता है गोमलाम
विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की जमीनों को लेकर गोलमाल की शिकायतें अक्सर मिलती रहती हैं। जमीन पाने के लिए निवेशकों को नाकों चने चबाने पड़ते हैं और चाहकर भी उन्हें जमीनें नहीं मिल पाती हैं। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि यूपी में निवेश करने वालों को मनचाहे स्थानों पर जरूरत के आधार पर जमीनें मिल सकें और इसमें होने वाला गोलमाल रुक सके। इसके आधार पर ही व्यवसायिक उपयोग वाली जमीनों को ऑनलाइन किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार जमीनों को ऑनलाइन कर दिया जाए। इसमें स्पष्ट किया जाए कि कौन सी जमीनें कहां पर हैं और क्या रेट है।