तीर्थनगरी बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के उल्लास में डूबी नजर आ रही है। कान्हा की नगरी मथुरा और वृंदावन में अजन्मे के जन्म की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बरसों बाद आज इंद्रदेव भी मेहरबान हैं, तड़के तीन बजे से बरसात की झड़ी लगी हुई है। वर्ना बीते कई सालों से जन्माष्टमी सूखी ही जा रही थी। कोरोना वायरस संक्रमण काल के चलते इस बार बदलाव हुआ है। आश्रम, मठ, होटल और धर्मशालाएं खाली हैं। देश-विदेश से जुटने वाले श्रद्धालु इस बार नहीं पहुंचे हैं लेकिन हताश कोई नहीं होगा। लगभग सभी मंदिरों ने जन्मलीला का लाइव टेलीकास्ट कराने की तैयारी कर रखी है।
कृष्ण जन्मस्थली का लाइव दूरदर्शन पर होगा, वहीं अन्य प्रमुख मंदिरों से फेसबुक और यूट्यूूब लाइव कराने की व्यवस्था कर रखी है। ठा. बांकेबिहारी की नगरी में हर मंदिर में अपने तरीके से आराध्य श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। चूंकि भगवान का जन्म रात 12 बजे हुआ था। इसलिए अधिकतर मंदिरों में रात 12 बजे ही ठाकुरजी का जन्मोत्सव मनाएंगे। लेकिन सप्तदेवालयों में शामिल राधारमण मंदिर, राधादामोदर मंदिर के अलावा शाहजी मंदिर में दिन में ही आराध्य का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मंगला आरती के विशेष दर्शन होते हैं। लेकिन इस बार कोरोनाकाल ने भगवान और भक्तों के बीच दूरी बना दी है।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव रात में ही मनाया जाएगा। सुबह से ही मंदिर में जन्मोत्सव का उल्लास होगा। रात 12 बजे मंदिर सेवायत आराध्य बांकेबिहारी का पंचामृत से महाभिषेक करेंगे। रात 1.55 बजे आराध्य की मंगला आरती होगी। स्वर्ण-रजत सिंहासन पर सुनहरे श्रृंगार में विराजित ठा. बांकेबिहारी जी की मंगला आरती होगी। जो कि साल में एक ही दिन होती है।