ड्यूटी के दौरान 16 किलोमीटर तक पैदल 25 किलो वजन कंधे पर रखकर ड्यूटी करने वाले ट्रैकमैन को अब पैदल नहीं चलना होगा। उत्तर रेलवे ने ट्रैकमैनो की सुविधा के लिए एक नायाब तरीका निकाला है। अब ट्रैकमैनों को ट्रैक पर चलने वाली साइकिल दी जाएगी, जिससे वह आसानी से अपना काम कर सकेंगे। उत्तर रेलवे के मुरादाबाद डिवीजन के कई सेक्शन में ट्रैकमैनों के पास साइकिल की व्यवस्था की गई है। इज्जतनगर डिवीजन भी ट्रैकमैनों की सहूलियत को साइकिल देने की तैयारी में है। डीआरएम तरुण प्रकाश का कहना है अब ट्रैकमैन को निगरानी के लिए साइकिल दी जाएगी, जो ट्रैक पर चलेगी। अगर कहीं ट्रैक टूटने कोई सूचना होगी तो ट्रैकमैन साइकिल से जल्दी घटनास्थल पर पहुंच सकेंगे।
साधारण साइकिल को पटरी पर चलने वाला बनाया
इंजीनियरिंग विभाग ने साधारण साइकिल को ही ट्रैक पर चलने वाला बना दिया है। साइकिल के अगले हिस्सा में एक पाइप निकला गया, जो अगले पहिए से जुड़ा है। उसमें एक छोटा व्हील लगा है। वहीं, पहिया भी लोहे का बना हुआ है। पिछले पहिये में भी दो पाइप लगे हैं, उनमें भी एक व्हील लगा। जो दूसरी पटरी पर चलेगा। दोनों व्हील और लोहे के पाइप से पटरी पर बैलेंस बना रहेगा।
साइकिल की अधिकतम गति 15 किलोमीटर
साइकिल पर दो लोग बैठ सकते हैं। साइकिल की अधिकतम रफ्तार 15 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। साइकिल की कीमत पांच हजार रुपए है। बरेली सेक्शन को 18 साइकिल मिलेगी। बरेली, शाहजहांपुर, रोजा,हरदोई, रामपुर, मुरादाबाद आदि सेक्शन में ट्रैकमैनों को साइकिल दी जाएगी।