रबी सीजन में यूरिया की डिमांड पूरी करने के लिए प्रदेश में अभी से 05 लाख टन यूरिया की प्रीपोजिशनिंग (पूर्व भण्डारण) की जाएगी। रबी का रकबा बढ़ने एवं अच्छी बरसात होने के कारण इस समय पूरे प्रदेश में धान आदि फसलों के लिए यूरिया की बेहद मांग है।
सरकार इस मांग को पूरा भी कर रही है लेकिन यह पूर्ति भी पहले से भण्डारित यूरिया से की जा रही है। कारण लॉक डाउन की वजह से आवंटन की तुलना में यूरिया की आपूर्ति थोड़ी कम हुई है। साथ ही आगे इसके संकट की आशंका को लेकर तमाम किसान और व्यापारी इसकी खरीद (पैनिक पर्चेज) आने वाले समय की जरूरतों के हिसाब से अभी से करके उसे स्टॉक कर रहे हैं। साथ ही कोपरेटिव व निजी दुकानों पर बिकने वाली यूरिया के दामों में अन्तर के कारण भी लोग अधिक खरीद कर रहे हैं। पैनिक पर्चेज के पीछे इसका अत्यधिक सस्ता होना भी माना जा रहा है।
इन सब परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कृषि विभाग ने आगामी रबी सीजन के लिए अभी से 05 लाख टन यूरिया के प्रीपोजिशनिग का निर्णय किया है। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से जुलाई तक के लिए अलग-अलग माह के हिसाब से प्रदेश को कुल 25.95 लाख टन यूरिया आवंटित था लेकिन 31 जुलाई तक 3.86 लाख टन यूरिया प्रदेश को कम मिला। अगस्त माह के लिए 6.05 लाख टन का आवंटन है लेकिन अब तक 02 लाख टन भी प्राप्त नहीं हुआ है जबकि झमाझम वर्षा के कारण मांग बेहद अधिक है।