जिलाधिकारी के निर्देश पर मरदह ब्लाक के सिगेरा ग्राम पंचायत में स्वयं पहुंचकर विकास कार्यों में हुई धांधली की जांच करना, मौके पर ही ग्रामप्रधान व सचिव को फटकार लगाना लेकिन कार्रवाई करने का आश्वासन देने के बाद भी नहीं करना डीपीआरओ की मंशा पर सवाल खड़ा करता है। जांच हुए करीब आठ दिन हो गए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर मौका पाकर अधूरे पड़े कार्यों को जैसे-तैसे पूरा कराने में ग्राम प्रधान व सचिव लग गए हैं। इसको लेकर ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है।
विगत सप्ताह जिलाधिकारी के निर्देश पर डीपीआरओ अनिल सिंह के नेतृत्व में टीम ने विकास कार्यों की जांच की। इस दौरान भारी अनियमितता मिली। जांच के दौरान डीपीआरओ अनिल सिंह ने ग्राम पंचायत सचिव रितेश राय को लाखों रुपये बिना वित्तीय स्वीकृत के खर्च करने पर मौके पर ही निलंबित करने एवं ग्राम प्रधान पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी। ग्राम सभा में 366 शौचालय निर्मित दिखाकर 43 लाख 92 हजार रुपये आहरित किए गए थे। जबकि जांच में इसमें अधिकाशत: लोगों के शौचालय कागज में ही बना कर लाखों रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी। ग्राम सभा में अन्य विकास कार्यों में भी मानक के अनुसार कार्य नहीं होना पाया गया था।
जांच के दौरान गांव के सैकड़ों लोगों की भीड़ मौके पर जुटी हुई थी। ग्रामीण जांच में भ्रष्टाचार के उजागर होने से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के प्रति आशांवित थे, लेकिन आठ दिन बाद भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होने एवं ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा तेजी के साथ गांव में अब तक कागज में निर्मित दिखाए गए शौचालयों सहित अन्य निर्माण कार्य कराने से ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। शिकायतकर्ता रामबली सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि भ्रष्टाचार पर लीपापोती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो ब्लाक मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक सैकड़ों की तादात में ग्रामीण न्याय के लिए आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।