लगभग 2 दर्जन अधिकारियों को या तो चेतावनी दी गई हैं या उनकी वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है। वहीं, कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जिनके प्रमोशन पर रोक के साथ ही कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन में भी कटौती की गई है।
ऐसा पहली बार हुआ है जब विभाग ने इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों पर कार्रवाई की है। दरअसल, आईटीआई की परीक्षा कदाचार मुक्त कराने को लेकर विभाग लंबे समय से प्रयासरत है। पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त में हुई परीक्षा के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिया था कि हर हाल में कदाचार मुक्त परीक्षा हो, पर जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई विभाग के आदेश को खानापूर्ति समझ लिया। कई केंद्रों पर काफी धांधली हुई। जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी वे न तो समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचे और न ही परीक्षा के दौरान सख्ती दिखाई। प्राइवेट आईटीआई के लिए कुछ अधिकारियों ने जमकर दरियादिली दिखाई। इसका परिणाम हुआ कि कई केंद्रों पर व्यापक अनियमितता की शिकायतें आईं।