प्राइवेट बिजली कंपनी टोरेंट पावर लिमिटेड के खिलाफ प्रदर्शन नहीं करने के लिए सौदेबाजी करते आगरा कांग्रेस अध्यक्ष का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पार्टी ने एक समिति बनाई थी। कांग्रेस जांच समिति का कहना है कि टोरेंट कंपनी से सौदेबाजी का वीडियो वायरल करना बीजेपी की साजिश है। पार्टी जनसमस्याओं को लेकर लगातार संघर्ष और आंदोलन कर रही थी। ऐसे में भाजपा की शह पर कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया।
तीन सदस्यीय जांच समिति के सदस्य और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने कहा कि घूसखोरी कांड में पार्टी नेताओं की जांच की गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात कर उनकी राय जानी गई। अब जांच समिति अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेगी। उन्होंने कहा कि नए जिलाध्यक्ष का फैसला प्रदेशाध्यक्ष ही करेंगे। वीडियो वायरल होने के बाद पार्टी ने जिला अध्यक्ष को पद से हटा दिया था।
कांग्रेस को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने रचा कुचक्र
बुधवार को कांग्रेस की तीन सदस्यीय जांच समिति होटल पीएल पैलेस पहुंची। यहां सदस्यों ने पार्टी कार्यकर्ताओं को बुलाकर प्रकरण पर जानकारी ली। जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित, महासचिव शाहिद अहमद, शहर अध्यक्ष देवेंद्र चिल्लू से पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेकर उनका पक्ष भी जाना। समिति के सदस्य प्रदीप माथुर ने बाद में पूरे घटनाक्रम के पीछे भाजपा की साजिश बताया। कहा कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष काफी अच्छा काम कर रही थीं। भाजपा ने उन्हें और पार्टी को बदनाम करने के लिए कुचक्र रचा। माथुर ने कहा कि लोकतंत्र में सबकुछ होता रहता है।