मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के बीच मंगलध्वनियों के बीच मना। शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ‘श्रीनाथ जी’के मंदिर के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
'नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की' मंगल ध्वनि पर भगवान नंद गोपाल को गोरक्षपीठाधीश्वर अपनी गोद में लिए गर्भ गृह का फाटक खोल बाहर आए। मंदिर के प्रार्थना कक्ष में उन्होंने नंद गोपाल को पालने पर बिठा कर श्रद्धा भाव से उन्हें झूला झुलाया।श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की पूजा गोरखनाथ मंदिर में 11.30 बजे ही शुरू हो गई। मठ से निकल गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सीधे श्रीनाथ जी के मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे। हालांकि मंदिर में रात 8 बजे ही श्रीनाथ जी के समक्ष प्रार्थना कक्ष में लोक गायक राकेश श्रीवास्तव भजन की महफिल जमाए हुए थे। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, मुख्य पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी वैदिक वेदपाठी शिष्यों और पुरोहितों के साथ पूजन की प्रक्रिया सम्पन्न कराई।
भगवान के जन्म के बाद तकरीबन 30 मिनट तक भजन और सोहन का सिलसिला चलता रहा। सीएम के अलावा मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी, द्वारिका तिवारी समेत अन्य लोगों ने नंद गोपाल को झुला झूला मंगल कामना की। उसके बाद धनिया, शक्कर एवं मेवा से बना प्रसाद वितरित किया गया। कोविड 19 के संक्रमण के मद्देनजर काफी कम संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए लेकिन पूरा मंदिर परिसर इलेक्ट्रिक लाईटों से जगमग और लाऊडस्पीकर पर भजन और सोहर की ध्वनियां आसपास के वातावरण को आध्यात्मिक बनाए हुए थीं।