इससे पहले छह जुलाई को कमच्छा जलकल में रखी टंकी से क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ था। काफी दूरी तक लोग भाग खड़े हुए थे। आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। कई लोग आईसीयू में भी रखे गए थे।
दीनापुर एसटीपी के नजदीक रहने वाले लोगों को ज्यादा तकलीफ हुई और महिलाओं व बच्चों को खांसी की शिकायत रही। देर रात तक स्थानीय लोग घबराकर अपने घरों तक नहीं आए। इसी दौरान बारिश के कारण भी मुसीबत उठानी पड़ी। आनन-फानन में लोग बिना मास्क लिए वहां से भागे। पंचक्रोशी चौराहे तक लोगों को हटा दिया गया था।
शनिवार शाम करीब 6.30 बजे रिसाव के कारण आसपास लोगों को दिक्कत शुरू हुई। हालांकि जल निगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों का कहना है कि रिसाव शाम 7.30 बजे से शुरू हुआ। रिसाव होते ही आसपास लोगों का दम घुटने लगा। जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंची और लोगों को वहां से जाने को कहा।
फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन ऑक्सीजन चैंबर न होने के कारण उन्होंने हाथ खड़ा कर दिया। इसके बाद पुलिस ने एनडीआरएफ को सूचना दी। एनडीआरएफ के 36 जवानों की टीम पौने दस बजे पहुंची। इसके पहले चेतगंज से फायर ब्रिगेड की टीम ने ब्रीदिंग किट पहनकर रिसाव बंद किया। जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई।