कुछ निजी अस्पताल कोरोना के इलाज का मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। इन पर नजर रखने और कार्रवाई के लिए कमेटी का गठन हो गया है। साथ ही डीएम ने सभी निजी अस्पतालों के लिए अधिकतम शुल्क भी तय कर दिए हैं। ये तय शुल्क शासन द्वारा पहले से निर्धारित की गई दरों के मुताबिक ही रखे गए हैं। अब इन्हें कड़ाई से लागू कराने के लिये प्रशासन ने तैयारी कर ली है।
स्मार्ट सिटी सभागार में डीएम अभिषेक प्रकाश ने इस संबंध में एक बैठक की। बताया कि उन्होंने कमिश्नर मुकेश मेश्राम के निर्देश पर एक कमेटी गठित की है। इलाज के नाम पर वसूली रोकने के लिए कोविड उपचार का अधिकतम शुल्क तय कर दिया गया है। निर्देश जिन अस्पतालों पर लागू होगा उनमें निजी स्वामित्व वाले सभी कोविड चिकित्सालय, महामारी अधिनियम के तहत स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर व अस्पताल शामिल हैं। मरीजों का बिल तीन प्रतियों में निकाला जाएगा। एक प्रति सीएमओ को भेजी जाएगी। यदि किसी भी कारण से उपचार-औषधि बिल में सम्मलित हो तो सका कारण लिखा जाएगा। निर्धारित दरों से अधिक लिया तो कानूनी कार्रवाई होगी।