बिहार ग्रामीण कार्य विभाग अब ग्रामीण सड़कों को अपग्रेड करने के लिए पथ निर्माण विभाग को नहीं सौंपेगा। ग्रामीण कार्य विभाग इन सड़कों को स्वयं अपग्रेड व विस्तार करेगा। विभाग इसके लिए योजना बना रहा है। विभाग ने अभियंताओं से इसके लिए सुझाव मांगा है। शनिवार को विभाग के सचिव पंकज कुमार पॉल ने इस मामले में विभाग के अभियंताओं के साथ बैठक कर विचार-विमर्श भी किया।
जिन ग्रामीण सड़कों पर ट्रैफिक लोड अधिक हो जाता था, उन्हें अपग्रेड करने के लिए पथ निर्माण विभाग को स्थानांतरित कर दिया जाता था। इन पथों को स्थानांतरित करने के लिए स्थानीय विधायकों व सांसदों की बार-बार सिफारिश होती थी, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब कोई भी सड़क ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को स्थानान्तरित नहीं की जाएगी।
ग्रामीण कार्य विभाग स्वयं इनको अपग्रेड करेगा। विभाग के अधिकारियों का भी मानना है कि गांव-गांव तक सड़क पहुंचने व वाहनों की बिक्री बढ़ने के बाद ग्रामीण पथों पर काफी लोड बढ़ा है। विभाग पूरे राज्य के ग्रामीण पथों का सर्वे कराएगा कि किन पथों पर ट्रैफिक लोड अधिक है और किनको अपग्रेड व विस्तातित करने की जरूरत है। पूरे राज्य से सर्वे रिपोर्ट आने के बाद सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा।
अपग्रेडेशन में वैसी ग्रामीण सड़कों को प्राथमिकता दी जाएगी जो स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल, मीडिल व स्कूल हाईस्कूल, कॉलेज, मंडी, बाजार, ब्लॉक, बैंक को जोड़ रही हों। ग्रामीण पथों की अभी चौड़ाई 3.75 मीटर है, लेकिन अपग्रेड करने के बाद इनकी चौड़ाई 5.5 मीटर हो जाएगी। वहीं, ट्रैफिक लोड के अनुसार इन सड़कों की मोटाई भी बढ़ेगी।