बनारस के लोगों के लिए कोरोना के मोर्चे पर थोड़ी राहत देने वाली खबर है। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के पूर्व वैज्ञानिक और प्रख्यात एंटीबाडी विशेषज्ञ डा. ए. वेलुमणि की जांच संस्था का दावा है कि यहां के लगभग 22 प्रतिशत लोगों में एंटीबाडी यानी कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरक्षा क्षमता बन गई है। संस्था ने देश के 117 शहरों में किए गए सीरो पॉजिटिविटी सर्वे के आंकड़े प्रकाशित किये हैं।
डॉ. वेलुमणि ने यूपी के आठ शहरों में सीरो पॉजिटिविटी के आंकड़े प्रकाशित किये हैं। ये वह शहर हैं जहां 200 से अधिक लोगों का परीक्षण किया गया। आठ शहरों में से वाराणसी में सर्वाधिक 21.94 प्रतिशत लोगों में एंटीबाडी पाए गए। बनारस में कुल 447 लोगों की जांच की गई जिनमें से 98 में एंटी बॉडी का पता चला ।
डॉ. वेलुमणि ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इन आंकड़ों को साझा किया है। डॉ. वेलुमणि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक रहे हैं और उन्होंने एंटीबाडीज पर डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है।
डा. वेलुमणि का कहना है कि वाराणसी में एंटीबाडी की मात्रा यूपी के अन्य शहरों से अधिक है। शहर की आबादी यदि 20 लाख से ज्यादा मानी जाय तो तकरीबन चार लाख लोग कोरोना वायरस के संपर्क में आए हैं और बिना किसी चिकित्सा के स्वस्थ भी हो गए हैं । कोरोना संक्रमण से उनमें रोग के कोई लक्षण भी उजागर नहीं हुए।
चिकित्सा वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर पर जब किसी वायरस (विषाणु) का हमला आता है तो शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली हरकत में आ जाती है। शरीर में वायरस का मुकाबला करने के लिए एंटी बॉडी बनने लगते हैं जो वायरस को मार देते हैं। एक बार एंटी बॉडी बनने के बाद कोई व्यक्ति दुबारा उस संक्रमण का जल्द शिकार नहीं होता।