सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरही के परिसर में खड़ी महामाया सचल अस्पताल की गाड़ी से गायब हुए सामानों का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में शुरू हुआ महामाया सचल अस्पताल दस्ता की एक गाड़ी की कीमत करीब 30 लाख रुपये थी। इसमें वातानुकूलित जांच की सारी सुविधाएं एलईडी स्क्रीन की टीवी एवं पोर्टेबल जनरेटर था।
इसी दौरान एनआरएचएम घोटाला सामने आने के बाद जांच बैठा दी गई। तब तक 2012 सपा की सरकार बन गई और 108 एंबुलेंस सेवा शुरू कर दी गई। इसके बाद महामाया सचल अस्पताल की गाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरही के परिसर में खड़ी हो गई। इस गाड़ी में लगे वातानुकूलित, टीवी, जांच के उपकरण तथा पोर्टेबल जनरेटर गायब हो गए। यह मामला प्रकाश में आने के बाद पूर्व अधीक्षक डॉ. आनंद कुमार ने गंभीरता से नहीं लिया।
एक पखवाड़े पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नए अधीक्षक डॉ. साकेत बिहारी राय के कार्यभार ग्रहण करने के बाद अस्पताल की स्थिति में सुधार हुआ है। अब महामाया सचल अस्पताल की गाड़ी से गायब हुए सामानों की चर्चा शुरू हो गई है। नवनियुक्त अधीक्षक ने बताया कि महामाया सचल अस्पताल की गाड़ी से गायब सामानों की जानकारी मुझे नहीं है। यदि कोई सामान गायब होगा तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसकी जांच कराई जा रही है।