यह हाल तब है जब परिवार के पास आयुष्मान कार्ड है। इसके बाद भी दंपति अपने पुत्र का इलाज नहीं करा पा रहे हैं। वे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से भी मदद की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन कोई सहयोग नहीं मिल सका है।
बरठी गांव के शिवपूजन राम(50) व उनकी पत्नी तारा देवी(45) पैरों से दिव्यांग हैं। परिवार का पेट पालने के लिए कपड़ों की सिलाई ही उनका एक मात्र सहारा है लेकिन कोरोना काल में परिवार पर मुसीबत आ गई है। शिवपूजन के पुत्र बिट्टू को किडनी में इंफेक्शन है। पति-पत्नी के दिव्यांग होने की वजह से सरकार ने इन्हें प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड भी दे रखा है लेकिन यह उनके बेटे के इलाज में मददगार नहीं बन पा रहा है।
बच्चे के इलाज के लिए मां व पिता ने गांव के ग्रामीणों से मदद लेकर चंदौली के किसी निजी अस्पताल में बेटे का इलाज कराया। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने तत्काल बिट्टू का ऑपरेशन कराने की सलाह दी है। लेकिन इतना पैसा नहीं है कि उसका इलाज करा सकें।
इकलौता पुत्र होने के कारण माता-पिता लोगों के घर-घर जाकर मदद की गुहार लगा रहे हैं। पिता शिवपूजन बताते हैं कि प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी कहीं कोई अस्पताल उनके पुत्र का इलाज करने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। बेटे के इलाज के लिए अब दिव्यांग पिता ने जनपद के आला अधिकारियों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से उम्मीद जताई है।