बलिया में गायघाट गेज पर गंगा गुरुवार तड़के चेतावनी बिंदु पार कर लाल निशान की ओर तेजी से बढ़ने लगी हैं। नदी में अनवरत हो रहे बढ़ाव से कटान में दिन-प्रतिदिन तेजी आ रही है। नौरंगा के पूर्वी छोर स्थित पुलिया का एक हिस्सा नदी में समाहित हो गया। उधर, बचाव की कमान सम्भाले जिम्मेदार चैन की नींद सो रहे हैं। जबकि नदी की लहरें कटान प्रभावित क्षेत्रों के साथ ही एनएच पर दबाव बढ़ाते जा रही है।
केन्द्रीय जल आयोग (गायघाट) के अनुसार नदी गुरुवार की सुबह पांच बजे चेतावनी बिन्दु 56.61 मीटर को पार कर गयी। यहां दोपहर 12 बजे नदी का जलस्तर 56.680 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी में एक सेमी प्रति घंटे की वृद्धि हो रही है। लगातार उग्र हो रही गंगा खतरा बिंदु 57.615 मीटर को छूने को बेताब दिख रही है।
इस बीच, नदी की उफनाती लहरों में फेंकू बाबा-चक्की मार्ग पर नौरंगा के पूर्वी छोर स्थित 14 लाख की लागत वाली पुलिया का एक हिस्सा नदी में समाहित हो गया है। लाल निशान छूने को आतुर गंगा की लहरें गंगापुर डगरा से लेकर रामगढ़ के बीच एनएच -31 पर जबरदस्त दबाव बनाये हुए है। इस बीच नदी से सड़क की दूरी कहीं चंद मीटर तो कहीं सड़क से बिल्कुल पास हो गयी है।
दूसरी ओर बाढ़ खण्ड के अधिकारी नदी के उफान पर आने व कटान के रूप में कहर बरपाने के बाद गहरी नींद में सो रहे हैं। किसी भी डेंजर प्वाइंट पर बचाव कार्य होते नहीं दिख रहा है। यह आलम तब है जब शासन ने विभिन्न परियोजनाओं के तहत बचाव को करीब 35 करोड़ की परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाते हुए महीनों पहले धन भी अवमुक्त कर दिया है। शासन ने यहां के लिए 8 करोड़ 31 लाख की दो परियोजनाओं (गंगापुर डगरा व बहादुर बाबा रामगढ़) की स्वीकृति देने के साथ ही धन भी अवमुक्त कर दिया है। जो विभागीय अधिकारियों की उदासीनता व अनियमितता की भेंट चढ़ती दिख रही है।