गर्मी के दिनों में मिट्टी की सौंधी खुशबू वाला घड़े का शीतल पानी किसी रसीले फल का स्वाद लेने जैसा ही लगता है। मिट्टी की वो सुराही, वो मटकी जिसे हम देसी या प्राकृतिक फ्रिज भी कहते हैं, उसमें सेहत का खजाना छिपा है। ये हमारे साथ-साथ प्रकृति के स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है। समय के साथ कई चीजें हमारे घर से बाहर हो गईं। आज बंद एसी कमरे में जब हम सोकर जागते हैं तो शरीर अकड़ जाता है। फ्रिज और वॉटर कूलर का पानी गले के साथ ही दांत भी खराब कर रहा। सुराही और मटकी जैसे प्राकृतिक फ्रिज गला खराब नहीं करते, बिजली भी बचाते हैं।
ग्लोबल वॉर्मिंग की चिंता को भी कम करते हैं। सबसे बड़ी बात ये ठंडे पानी से हमारा सेहत भरा रिश्ता बनाते हैं। जो लोग घड़े के पानी की अहमियत को समझते हैं, वो आज भी उसी का पानी पीते हैं। मिट्टी में कुछ ऐसे गुण होते हैं, जिनके कारण पानी में मौजूद विषैले पदाथों को अवशोषित कर पानी को शुद्ध कर देती है। अब जब संक्रमण से बचाव के लिए गर्म या नॉर्मल पानी पीने की सलाह दी गई है, तो लोग इस भीषण गर्मी में भी फ्रिज का ठंडा पानी पीने से परहेज कर रहे। इसी के चलते अब मिट्टी के मटके , सुराही आदि की दुकानों प र भी ग्राहक दिखने लगे हैं । कुम्हार भी उम्मीद लगाए हैं कि लॉकडाउन के कारण शुरुआत में काम बिल्कुल ठप हो गया था, लेकिन धीरे-धीरे सब पटरी पर आ ही जाएगा।