पान का नाम आते ही जिस खुशबू आैर स्वाद का एहसास होता है उसका अंदाजा तो इसके शौकीन ही लगा सकते हैं। पूजा पाठ और अन्य शुभ कार्य में काम आने वाला पान भले ही खास हो, लेकिन पान किसानों की स्थिति अन्य किसानों के मुकाबले ज्यादा खराब है। लाॅकडाउन में पान की दुकान व मंडी बंद होने से पान सड़कर बेकार हो गया। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग पान किसानों काे राहत देने के लिए अनुदान देने की तैयारी कर रही है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर अनुदान की सीमा को 1500 से घटाकर 1000 वर्ग मीटर कर दिया गया है। अनुदान के लिए खेती की सीमा अधिक होने से छोटे किसानों अनुदान नहीं मिल पाता था। उद्यान विभाग ने सीमा घटाकर एक हजार वर्ग मीटर करके छोटे पान किसानों को राहत देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में राजधानी समेत महोबा, उन्नाव,रायबरेली, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, भदोही व सोनभद्र समेत प्रदेश के 21 जिलों 700 हेक्टेयर क्षेत्र में पान की खेती होती है। अमेरिका, पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत कई देशों में 25 लाख डॉलर से अधिक पान का निर्यात हर वर्ष होता है। देश में 15 राज्यों में 55 हजार हेक्टेयर में पान की खेती होती है।