कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे लाकडाउन के बीच मनरेगा से श्रमिकों को रोजगार देने के साथ ही गांवों के विकास को गतिशील रखने में सरकार को बड़ी मदद मिल रही है। तेजी से मनरेगा श्रमिकों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है।
सोमवार को ही राज्य में 14,73,595 मनरेगा श्रमिक व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्यों में लगे हुए थे। मनरेगा की यह गति उस समय है जबकि राज्य में कोरोना से अधिक प्रभावित 21 जिलों में काम नहीं के बराबर है। मनरेगा के तहत राज्य के ग्रामीम क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार देने के साथ ही गांवों के विकास की रफ्तार को आगे बढ़ाने की कार्ययोजना पर सरकार ने लाकडाउन दो के तहत 20 अप्रैल से काम कराने के निर्देश दे दिए थे।
एक सप्ताह में आठ लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार से जोड़ा
27 अप्रैल तक राज्य में 670787 श्रमिकों को काम पर लगा दिया गया था। इसके बाद के एक सप्ताह में यानी चार मई को और आठ लाख से अधिक श्रमिकों को काम दे दिया गया। इस समय मनरेगा योजनाओं में 1473595 श्रमिक काम पर लगे हैं। राज्य के 64 फीसदी ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्य इस समय चल रहे हैं। ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह प्रतिदिन मनरेगा के कामों की रिपोर्ट जिलों से ले रहे हैं। उनका कहना है कि अगले एक सप्ताह में मनरेगा के तहत और बड़ी तादाद में और श्रमिकों को काम से जोड़ दिया जाएगा।