रविवार व सोमवार को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन आईएसएस शहर के आकाश में सबसे अधिक समय तक दिखेगा। शहरवासियों के पास 6 मिनट तक इसको देखने का सुनहरा अवसर मिलेगा। आईएसएस आकाश में एक हवाई जहाज या चमकीले तारे की तरह गुजरता हुआ दिखाई देगा। खगोल प्रेमी व बच्चे अपनी छतों से इसके नजारे लेने के साथ इसकी फोटो भी खींच सकेंगे।
इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि 17 मई को यह भोर में 4.26 मिनट पर उत्तर पश्चिम दिशा से उगता हुआ और अधिकतम 75 डिग्री की ऊंचाई पर पहुंच कर दक्षिण पूर्व दिशा में अस्त हो जाएगा। 17 मई को ही शाम को दोबारा दिखाई देगा। शाम 7.27 मिनट पर अधिकतम 58 डिग्री ऊंचाई के साथ दक्षिण पश्चिम दिशा से उगकर 6 मिनट बाद उत्तर- उत्तर पूर्व दिशा में अस्त हो जाएगा।
इसी तरह 18 मई को 48° की ऊंचाई के साथ भोर में 3.38 मिनट पर उत्तर - उत्तर पश्चिम दिशा से उग कर पूर्व - दक्षिण पूर्व दिशा की तरफ जाते हुए अस्त होगा।
91 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर लेता है
आईएसएस पृथ्वी की परिक्रमा 91 मिनट में पूरी कर लेता है । इसकी लंबाई 240 फीट व चौड़ाई 356 फीट है। इसमें लगभग 12500 वर्ग फीट की जगह रहने योग्य है जो एक फुटबाल के मैदान के बराबर है। इसका निर्माण 1998 से शुरू होकर 2011 तक कई चरणों में किया गया है। 2 नवंबर 2000 से आईएसएस को लगातार प्रयोग में लाया जा रहा है। इसे बनाने में 15 देशों ने सहयोग किया है।